
🔴#ये_वही_कट्टर_धार्मिक_पाखण्डी संगठन के लोग हैं जो कभी अपने जीते जी अपने माता-पिता, बुजुर्गों को पूछते नहीं! उनकी सेवा नहीं करते! किन्तु शिवलिंग और मंदिर को पकड़ कर चारों प्रहर दही; दूध; मेवा; भस्म से नहलातें हैं! क्यों! क्योंकि उन्हें मलाई से प्रेम हैं शिव से नहीं! इनके अपने घर के चूल्हे बंटे हुए हैं! अखंडता की बात करते हैं! स्वर्गवासी या जीवित बुजुर्गो का नाम तक याद नहीं रखते लेकिन धर्म, राजनीति, मस्जिद-मन्दिर, नफरत के नाम पर कुछ इतिहास हो चुके मुस्लिम आक्रांताओं का नाम और उनके कारनामें पुराने पन्नों और कब्रों से ढूढ़ निकालतें हैं! जिन्दों से इन्हें प्रेम नहीं! मुर्दे-मूर्तियों के अवशेषों को ढूढ़ने मे अपनी पूरा सरकारी तंत्र और बुद्धि का ईस्तेमाल करते हैं!
🔴#खास_बात_यह_कि_इन्होंने_न्यायपालिका को भी धर्म का अखाड़ा बना दिया हैं! उसे अपने हित मे भरपूर ईस्तेमाल करते हैं! मजबूर, अन्धी और अब तो पक्षपाती बिकाऊ? न्यायपालिका भी क्या करें इन्हीं के रहमोकरम पर टिकी हैं! ये मौकापरस्त ऐसे ही पुरानी कब्रों को खोदकर उसकी आड़ मे धार्मिक मलाईदारों और पूंजीवादी ताक़तों का हित करते हैं! फिर वही ताकतें इनका पोषण करती हैं! किन्तु अब त्रिशूल की नजर हैं! कोई बचने वाला नहीं! समय आ रहा हैं! करनी का फल कहीं और नहीं यहीं भुगतना होगा!

⚫#झूठ; शाम; दाम; दण्ड; भेद; प्रचार; नफरत; दोहन; ज्ञान; महंगाई; मन्दिर; बंटवारा; कब्जा; लूट; नारा; बीमारी; हिंसा और अन्त मे युद्ध मतलब पूरा सत्यानाश! ये सब पूंजीवादी पाखण्डी सरकार और उसके धार्मिक संगठनों के हथियार हैं! इन्हें ना राष्ट से प्रेम हैं ना ईश्वर से और ना ही हिन्दुत्व-हिन्दू सहित अपने हिन्दुत्ववादी समर्थकों से! प्रेम हैं तो सिर्फ पूंजी से पैसे से मलाई और ऐयाशीं से! ये सभी उन्हीं गुरुओं के प्रोडक्ट हैं जो बिना सोचे-समझे परखें कोरा ज्ञान देकर धड़ल्ले से अपने चेले मार्केट मे उतारते हैं! इसके लिए ये प्राचीन गुरू-शिष्य परम्परा की दुहाई देते हैं! ऐसे लोगों पर अपना आशीर्वाद और प्यार लुटाते हैं! सही कहां जाय तो इस सबके पीछे कुछ ऐसे ही अधूरे गुरू दोषी हैं! जो चंद पैसे के लिए अपने ज्ञान का सौदा कर लेते हैं! इनके लिए मठ-मलाई, सत्ता ही सर्वोपरि हैं! कपड़े अलबत्ता भगवा, सफेद पहनते हैं! कभी इनकी शाही सवारी और राजसी ठाठ देखिए! किस एंगल से ये साधु सन्त या योगी लगते हैं!°°°क्रमशः
*༺⚜️꧁✴️!! महामाया हरे-हरे !!✴️꧂⚜️༻*
°°°•••✳️॥>!धन्यवाद!<॥✳️•••°°°
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