829/☑️#स्वं_को_पहचान लो‼️(कविता)

*जान लो; पहचान लो;
*अकड़  किस बात की साहिब
*चार दिन की जिन्दगी
*प्रेम से गुजार लो
*ना जाने कब किस क्षण
*फरमान आ जाये
*जिंदगी की वो शाम आ जाये
*बस चार कन्धे होंगे
*बांस की काठी होगी या
*एक छोटा सा गड्ढा होगा
*शरीर आंखे मूँदे लेटा होगा
*बेख़बर!???..
*और तुम पास खड़े
*अपने ही सुन्दर घरोंदे को देख
*पछता रहे होगे क्या इसलिए
*इतना पापड़ बेले थे
*खाक होने के लिए या
*कब्रें दफन होने के लिए
*अब भी समय हैं चेत जाओ
*मृत्यु को पहचान लो
*मृत्यु के तुम काल हो
*शिवांश हो अघोर हो
*संतोष हो तुम शान्त
*तुम अलख तेज हो
*अपने को जान लो
°*स्वम को पहचान लो!°°

*༺☀️ॐ✴️~नमो_परमात्मनें~✴️ॐ☀️༻*
°°°•••✳️॥>!धन्यवाद!<॥✳️•••°°°

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